प्रवेश नीति
1.1 प्रवेशार्थियों के प्रकार
क्रम सं. | प्रवेशार्थियों के प्रकार | मानदण्ड |
अ. | राजस्थान में अवस्थित किसी भी विद्यालय से अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण अथवा |
अर्हकारी परीक्षा में 40 प्रतिशत प्राप्तांक |
ब. | राजस्थान के बाहर के ऐसे अभ्यर्थी जो राजस्थान के अलावा अन्य किसी स्थान से अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण हो तथा राजस्थान के निवासी न हो | अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत प्राप्तांक |
1.2 प्रवेश के लिए महाविद्यालय के लिए स्वीकृत सीटों में 75 प्रतिशत स्थान वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा उत्तीर्ण एवं 25 प्रतिशत स्थान सीनियर सैकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षार्थियों के लिए निर्धारित रहेंगे | उपरोक्त निर्धारित अनुपात के आधार पर यदि स्थान रिक्त रहते है तो अर्हताओं में किसी भी अर्हताधारी /शिक्षार्थियों से स्थान भरे जा सकेंगे \ यदि सीनियर हायर सैकण्डरी उत्तीर्ण प्रवेशार्थी के संस्कृत वैकल्पिक विषय नहीं रहा हो तो उसे श्री जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पात्रता परीक्षा प्रवेश के उपरान्त उत्तीर्ण करनी अनिवार्य होगी | शिक्षार्थी के द्वारा सम्बन्धित पात्रता परीक्षा प्रवेश के उपरान्त उत्तीर्ण करनी अनिवार्य होगी | शिक्षार्थी के द्वारा सम्बन्धित पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न करने की स्थिति में उसका प्रवेश स्वतः निरस्त हो जायेगा तथा उसके द्वारा जमा कराया गया शुल्क लौटाया नहीं जायेगा |
1.3 वरिष्ठ उपाध्याय / सीनियर सैकण्डरी उत्तीर्ण प्रवेशार्थी शास्त्री प्रथम वर्ष में किसी भी शास्त्रीय विषय में प्रवेश ले सकेगा |
संजोनीय प्रपत्र
प्रवेश आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित प्रपत्र संलग्न करनें होंगें |
क. योग्यता परीक्षा की अंकतालिका की प्रमाणित दो छाया प्रतियाँ |
ख. अन्तिम संस्था के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र की मूल प्रतियाँ |
ग. अन्तिम संस्था के चरित्र प्रमाण पत्र की मूल प्रति |
घ. प्रवेशिका / माध्यमिक परीक्षा के प्रमाण -पत्र / अंक तालिका की प्रमाणित छाया प्रति जिसमें जन्मतिथि उल्लेखित हो |
ड. प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रदत जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति |
च. योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अन्तराल की स्थिति में वांछित प्रमाण पत्र |
छ. बोर्ड या विश्वविध्यालय परिवर्तन की स्थिति में प्रवजन प्रमाण पत्र की मूल प्रति |
2 .1 निवास की परिभाषा :- राजस्थान का निवासी, अभिव्यक्ति की व्याख्या निम्नांकित है :-
अ. जो राजस्थान में जन्मा हो (जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर)|
ब. जिसके माता पिता पिछले पाँच वर्ष से राजस्थान में निरंतर निवास कर रहे हो (इस कोटि के आवेदन को इस हेतु सम्बन्धित जिले के कलेक्टर /एस. डी. ओ./ सहायक क्लेक्टर अथवा तहसीलदार का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा |
स. जो राजस्थान सरकार अथवा राजस्थान सरकार के किसी उपक्रम अथवा राजस्थान सरकार के किसी अर्द्ध सरकारी संगठन के कर्मचारी का पुत्र /पुत्री हो |
द. जो केन्द्रीय सरकार अथवा केन्द्रीय सरकार के किसी उपक्रम अथवा केन्द्रीय सरकार के अर्द्ध सरकारी संगठन के राजस्थान में पद स्थापित कर्मचारी का पुत्र /पुत्री हो |
य. जो सेना (तीनों अंग) में या केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल के राजस्थान में पद स्थापित कर्मचारी का पुत्र / पुत्री हो अथवा यदि किसी सैनिक व अधिकारी की नियुक्ति कुटुम्ब विहीन स्थान पर होती है तथा उसके कुटुम्ब को राजस्थान में आवास दिया जाता है तो ऐसे सैनिक / अधिकारी का पुत्र /पुत्री हो |
र. जो सेना (तीनों) अंग में या केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल में कार्यरत एवं राजस्थान में मूल निवासी का पुत्र /पुत्री हो (इस कोटि के आवेदन को इस हेतु सम्बन्धित जिले के कलेक्टर / एस. डी. ओ./ सहायक कलेक्टर अथवा तहसीलदार का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा |
ल. ऐसी महिला अभ्यर्थी जो राजस्थान के निवासी से विवाह होने के पश्चात राजस्थान में रह रही है ( शपथ प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर)|
3.1 पूरक परीक्षा के योग्य घोषित होने वाले अभ्यर्थी का प्रवेश :- अ. पूरक परीक्षा योग्य घोषित अभ्यर्थी आगे की कक्षा में निर्धारित तिथि तक प्रवेश ले सकेंगे| यदि उन्होंने प्रवेश की अन्तिम तिथि तक प्रवेश नहीं लिया तो उन्हें पूरक परीक्षा की परिणाम में उत्तीर्ण घोषित होने के बाद नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा |
ब. अर्हकारी परीक्षा में पूरक परीक्षा के योग्य घोषित अभ्यर्थी की पात्रता तथा योग्यता स्थान के निर्धारण के लिए पूरक परीक्षा के विषय पेपर में अभ्यर्थी के प्राप्तांको के बजाय न्यूनतम उत्तीर्णांक जोड़े जायेंगे |
स. ऐसे पूरक परीक्षा योग्य घोषित विद्यार्थी जिन्होंने महाविद्यालय में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश प्राप्त कर लिया है, उनके पूरक परीक्षा के लिए परिणाम में अनुत्तीर्ण घोषित किये जाने पर उनका उक्त अस्थायी प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा।
3.2 स्वयंपाठी अभ्यर्थियो का प्रवेश
क्र.स | प्रवेशार्थियो के प्रकार | मानद्ण्ड |
1. | प्रथम भाग में प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी | 1.1 की सारणी में निर्धारित न्यूनतम मानदण्डो के अनुरूप पात्रता होने पर प्रथम भाग |
2. | प्रथम भाग स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी जिसका कोई पेपर बकाया न हो | न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक होने पर द्वितिय भाग में स्थान रिक्त होने पर प्रवेश देय होगा । |
3. | द्वितीय भाग स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी जिसका कोई पेपर बकाया न हो | न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक होने पर तृतीय भाग में स्थान रिक्त होने पर प्रवेश देय होगा । |
4. | प्रथम भाग व द्वितीय की परीक्षा स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी | तृतीय भाग में प्रवेश देय नहीं होगा । |
शास्त्री द्वितीय व तृतीय भाग में स्वयंपाठी छात्रों के प्रवेश पर केवल उसी स्थिति में विचार किया जा सकेगा, जबकि समस्त नियमित छात्रों को प्रवेश देने के उपरान्त सम्बन्धित कक्षा / विषय में स्थान रिक्त हो तथा वैकल्पिक विषयों का समतूह महाविद्यालय में उपलब्ध हो |
महाविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक महिला अभ्यर्थियों पर प्रथम या द्वितीय भाग में स्वयंपाठी के रूप में उत्तीर्ण अभ्यर्थी के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक होने की अनिवार्यता लागूनहीं होगी | स्थान होने की अवस्था में उत्तीर्णांक तक प्रवेश दिया जा सकेगा |
3.3 पात्रता हेतु विशेष शिथिलता :-
सभी पात्र अभ्यर्थियो को प्रवेश देने के पश्चात् यदि किसी कक्षा/विषय के स्वीकृत वर्ग के स्थान रिक्त रह जाये, प्राचार्य ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश दे सकेंगे जिनके कुल प्राप्तांक प्रवेश हेतु निर्धारितवांछित न्यूनतम पात्रता से केवल एक अंक कम हो |